PM Kusum Yojana: भारतीय कृषि क्षेत्र हमेशा से देश की रीढ़ रहा है। हालाँकि, पिछले कुछ दशकों में किसान कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिनमें बढ़ती उत्पादन लागत, बिजली की कटौती और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं। इन चुनौतियों से निपटने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए, भारत सरकार ने कई पहल की हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण पहल है प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-Kusum)।
PM Kusum Yojana | प्रधानमंत्री कुसुम योजना के मुख्य लाभ:
बिजली की बचत: सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने से किसान सिंचाई और अन्य कृषि कार्यों के लिए बिजली पर होने वाले खर्च को कम कर सकते हैं।
आय का अतिरिक्त स्रोत: इस योजना के तहत, कुछ घटकों में किसान अतिरिक्त बिजली का उत्पादन कर उसे बिजली वितरण कंपनियों को बेच सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।
भूजल संरक्षण: सौर ऊर्जा पंपों का उपयोग करने से किसानों को डीजल पंपों पर निर्भरता कम होगी, जो भूजल स्तर को बनाए रखने में सहायक होगा।
पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, जिससे प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण का संरक्षण होता है।
योजना के तीन मुख्य घटक:
किसानों को सौर सिंचाई पंप स्थापित करने में सहायता: इस घटक के तहत, किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई पंप लगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना: इस घटक में, किसान अपनी जमीन पर ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र लगा सकते हैं और अतिरिक्त बिजली का उत्पादन कर डिस्कॉम को बेच सकते हैं।
सामुदायिक ग्रिड-सौर पावर प्लांट्स की स्थापना: इस घटक के तहत, किसान समूह मिलकर सौर ऊर्जा संयंत्र लगा सकते हैं और उत्पादित बिजली को ग्रिड में डाल सकते हैं।
योजना का लाभ कैसे उठाएं?
प्रत्येक राज्य में योजना के कार्यान्वयन के लिए अलग-अलग नोडल एजेंसियां हैं। किसान अपने राज्य के कृषि विभाग या नोडल एजेंसी से संपर्क कर PM Kusum Yojana के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
योजना का महत्व:
PM Kusum Yojana न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करती है, बल्कि यह भारत को ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PM Kusum Yojana ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देकर पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाने में सहायक है।
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